Wednesday, April 15, 2020

तेरी ख़ामोशी

तेरी ख़ामोशी मुझे, बहुत परेशान करती है |
झूठ ही कह दे, कि तू मुझसे प्यार करती है ||

मुस्कराने का तमाशा, अब ना होगा मुझसे |
ये बिचारी दुनिया, जो मुझे बिंदास समझती है ||

ये तू ही है, जो मुझे बदल रही है |
वरना जिंदगी अपनी तो, सूनेपन में ही रहती है ||

तूने देखा ना कभी, तूने पहचाना ना कभी |
मेरी नज़रों में बस तू ही, तू ही तू दिखती है ||

फांसले बहुत है, कैसे कहूँ तुझे दिल की बात|
'आज़ाद' बस समझ ले तू, मेरी सांस तुझसे ही बहती है ||  

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