Tuesday, April 21, 2015

अच्छे लोग


कुछ लोग बहुत अच्छे होते है,
तभी तो उनसे लगाव हो जाता है।
जिंदगी तो कट ही जानी है किसी तरह,
पर उनके बिना आँखों में सैलाव हो जाता है॥

चाहते है बार बार भूल जाना उनको,
शायद उनकी ख़ुशी के लिए ही ये करते है।
उनकी यादें उनकी बातें भूल नहीं पा रहा हूँ,
'आज़ाद' ना चाहकर भी उन्हें क्यूँ याद करते है॥

छिपाये थे गम बहुत उनके जाने के बाद,
पर हमको अहसास हो गया हम उन पर मरते है।
लब्जों को तो होठों से सींकर रख लिया था,
पर नैन भी तो दिल की जुवां ब्यान करते है॥

उनकी हरकतें ऐसी, कि उनमे मैं खो गया।
उनकी मधुर आवाज ऐसी, उसमे तो मैं सो गया॥
उनका प्यार से मुस्कुरा के, पीछे से पलट के देखना।
उनके जाने के बाद, मैं तो बस रो गया॥

तक़दीर में जो लिखा है, बस वोही मिलेगा।
प्यार सच्चा हो तो, सारा जहाँ भी खिलेगा॥
 ईश्वर सही सलामत रखे, ऐसे अच्छे लोगों को।
'आज़ाद' की दर्द भरी आहों से, रब भी हिलेगा॥


Sunday, April 19, 2015

वो चला गया


आज मन फिर से उदास हो गया है।
जैसे कोई अपना बिछुड़ गया है॥
जिंदगी ने फिर से ये अनुभव करा दिया है,
बहुत दिनों के बाद, दिल फिर से रो गया है॥

उन बीते पलों को ही, बार बार याद करता हूँ।
नहीं चाहता फिर भी, बार बार मरता हूँ॥
अब ये यादें वो बीते लम्हे, घड़ी घड़ी मारते है,
इन बारिश की बूंदों में भी, दिल-इ-विरह में जलता हूँ॥

मैं चाहता क्या था तेरे से, मुझे नहीं पता।
मैं देखता क्यों था तुझे, मुझे नहीं पता॥
कभी जिंदगी को करीब से, इतना खामोश नहीं देखा था,
मैं पल पल क्यों याद करता हूँ तुझे, मुझे नहीं पता॥

 मैं इतना बदहाल हूँ कि, शब्दों से भी डरने लगा हूँ।
उन शब्दों की ओट में, कुछ का कुछ करने लगा हूँ॥
कहीं ऐसा न हो जाये कि, नफ़रत की बयार में बह जाऊं मैं,
'आज़ाद' प्यार को समझा न कभी, फिर से इसमे क्यूँ मरने लगा हूँ॥  

फिर से.....


इस चेहरे पर मुस्कान ना लाया करो,
कहीं प्यार का दरिया दिल में उफन ना जाये।
डरते है आँखों में नमी न आये फिर से,
लब्ज होठों पर आते आते कहीं ख़्वाब दफन ना जाये॥

तेरे दिल की चाह मुझे पता नहीं है,
पर मेरे दिल के अरमान बढ़ गए है।
बेचैनियाँ बढ़ाने की गलती नजदीक से ना करना,
तेरे बिना हम न रहे, हम जिद पर अड़ गए है॥

मान लिया है उनको अपना, जो शायद हमारे न है,
ना देखो अब मुड़कर मुझे, याद बहुत आते हो आप।
फिर से ये वक्त मुझे परेशान कर रहा है,
मैं बिखर जाऊंगा तब, इन सिलसिलों से जाते हो आप॥

कभी करीब से तो देख लो, इन प्यासी आँखों को।
कभी अहसास तो कर लो, इन सुलगते अरमानों को॥
हम जिंदगी की दहलीज पर, खड़े हो गए है शायद,
पहले आना फिर जाना, कहीं तोड़ न दे पैमानों को॥

ना जाना कभी हमें, इस हाल में छोड़कर,
ये हाल भी तो तूने ही बेहाल किया है।
तेरे कहने से बहाये थे गम में अश्क,
'आज़ाद' जिंदगी को तूने, कितना मुश्किल कर दिया है॥  

Wednesday, April 8, 2015

कल वो जायेगा


आजकल बैचेनी का आलम सताने लगा है मुझे।
कल से हो जाऊंगा तन्हा, डर सताने लगा है मुझे॥
तेरी एक मुस्कराहट के लिए, मैं परेशान रहता हूँ,
कल के बाद कैसे रहूँगा मैं, याद आने लगा है मुझे॥

देखते है तेरा रास्ता, शायद उससे तू गुजर जाये ।
बिन कहे लब्जो से, आँखों में कोई बसर जाये॥
कल आँखों में नींद भी ना हो, ना कोई आशा होगी,
डरते है जिस ग़मों की दुनिया से, शायद वो पसर जाये॥

कभी ना चाहा तुझे दुःख दे, इसलिए दूर से देखते रहे हम।
कभी ना जाना था प्यार क्या है, अब अहसास कर गए हम॥
दुआ है मेरी खुदा से, तुम कहीं भी रहो सदा खुश रहो,
ये आँखें तुम्हे देखने की कीमत चुकायेंगी, जब आंसुओं से भींग जायेंगे हम॥

विरह का मतलब ना जाना था कभी, वो भी अब जान चुके।
पल पल तुझे देखे बिना चैन ना मिले, ये भी अब मान चुके॥
दिल तो नहीं चाहता कि तू कभी जाये इन आँखों से दूर,
'आज़ाद' पूछा क्यों ना कभी उसने, क्या मेरे लिए कभी साँस रुके॥