Sunday, May 10, 2015

काश हम ये समझते


वो हमारे न थे, हम क्यूँ उन्हें अपना समझते ।
काश हम ये समझते, काश हम ये समझते ॥

वो गुजरे न कभी, जिन रास्तों पर हम टहलते ।
काश हम ये समझते, काश हम ये समझते ॥

वो हारे न कभी, हम जीत के लिए तरसते ।
काश हम ये समझते, काश हम ये समझते ॥

उन्हें जाना था दूर, हम क्यूँ ख्वाब पकड़ते ।
काश हम ये समझते, काश हम ये समझते ॥

वो चाहते भूल जाना, हम क्यूँ उन्हें याद करते ।
काश हम ये समझते, काश हम ये समझते ॥

वो जाने न इस प्यार को, फिर हम क्यूँ तड़फते ।
काश हम ये समझते, काश हम ये समझते ॥

कौन हूँ मैं उनका, वो बार बार ऐसा क्यूँ कहते ।
काश हम ये समझते, काश हम ये समझते ॥

पुष्प खिलते है सब, पर सारे नहीं महकते ।
काश हम ये समझते, काश हम ये समझते ॥

'आज़ाद' दुनिया अच्छी है, जहाँ हम विरह में रहते ।
काश हम ये समझते, काश हम ये समझते ॥

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