Tuesday, July 3, 2012

माँ नहीं पर माँ जैसी

माँ नहीं पर माँ जैसी एक नारी से मुलाकात हुई
उसके बाद फिर जीवन भर उससे मेरी हर बात हुई

माँ ने जन्म तो दिया था पर रास्ते पर ही छोड़ दिया
मेरी माँ ने माँ के फर्ज का हर रिश्ता मुझसे तोड़ दिया
माँ जैसी ही उस नारी से मेरे जीवन की शुरुआत हुई
माँ नहीं पर माँ जैसी एक नारी से मुलाकात हुई

हर एक लम्हा मेरे जीवन का उसने संवार दिया
अपने बच्चों से भी ज्यादा उसने मुझे प्यार किया
मेरे सपनों को पूरा करने का हर द्वार है वो
अब तो मेरे जीवन का पूरा संसार है वो
 उसके बाद से खुशियाँ भरी मेरे दिन और रात हुई
माँ नहीं पर माँ जैसी एक नारी से मुलाकात हुई

 उसने मेरे हर सपने को अपनी पलकों पर सहेजा है
शायद खुदा ने मेरे लिए ही उसे बनाकर भेजा है
उपरवाले से बढ़कर मेरे लिए भगवान् है वो
अब तो मेरे हर कदम की पहचान है वो
जब से वो आई मेरे जीवन में सौगात हुई
माँ नहीं पर माँ जैसी एक नारी से मुलाकात हुई

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