Monday, January 30, 2012

जागो युवाओं

अमर शहीद, सर कटा के गए थे वतन के लिए 
और हम, सर झुका से लिए है वतन के लिए
देखो सर उढ़ा के, आज़ादी के लिए मेरा वतन अब भी रो रहा है
जागो युवाओं, मेरा देश सो रहा है

हर तरफ अन्याय है, पाप है, हा हाकार है
कहीं बदला, कहीं हार, तो कहीं मार है
आज़ादी आयी तो बस, कुछ ही जनों के लिए
बाकी सब गुलाम है, पैदा हुए गुलामी के लिए
औरों के लिए कानून, उनके लिए सब हो रहा है
जागो युवाओं, मेरा देश सो रहा है

संविधान बनाया, समानता के वेश का
वो ही पर्याय बन गया, राग-विहाग-विद्वेष का
सज्जन को रोटी नहीं, अपराधी मलाई खा रहा है
'आज़ाद' देश का भविष्य, जाने कहाँ जा रहा है?
आज़ादी का मतलब, मेरा देश खो रहा है
जागो युवाओं, मेरा देश सो रहा है

याद करो कुछ, अमर शहीदों के बलिदान को
न्योछावर किये प्राण, सलाम उनके मान सम्मान को
एक धीमी सी गुलामी, हमें कसती जा रही है
स्वप्नों में अब आज़ादी, हकीकत में दूर जा रही है
'आज़ाद' सोच कुछ पल, ऐसा क्यों हो रहा है
जागो युवाओं, मेरा देश सो रहा है    

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