Friday, December 24, 2010

क्या हम आज़ाद है ?

क्या हम आज़ाद है ?
१. क्या हम आज़ाद है? 
मजाक नहीं सत्य बोलना,
क्या हम आज़ाद है ?
आज़ाद पर्याय स्वत्रंतता,
या ये शब्द एक अपवाद है ?

सीखी थी हमने आज़ादी की परिभाषा,
किसी सीमा में निहित नहीं जन जन की आशा
कोई घूम सकता है स्वत्रंत
कोई बोल सकता है स्वत्रंत
देश की उन्नति की स्वत्रंतता
बलि बेदी पे आहुति की स्वत्रंतता
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२. क्या हम आज़ाद है?
पर ये कैसी आज़ादी ?

नक्सलवादी माओवादी का डर जो छाया है
ये ही उन्नति है, या अवगति का साया है ?
पल पल कोस  पे डर बना रहता है
देश के कर्णधारों का कोप जो बना रहता है
शायद कहीं बम ना फट जाये
शायद कही बाढ़ ना आ जाये
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३. क्या हम आज़ाद है?
भारत की आज़ादी पे खायी थी बहुत कसमें ?

हम एक खुशहाल भारत बनायेंगे
हर जन जन के लिए घर बनायेंगे
बहकेगा चमन गंगा के जल से
ना होगा दुःख गरीब को किसी छल से
पर क्या आज जनता फुटपाथ पे नहीं सोती ?
क्या सबको मिल गया कपड़ा मकान और रोटी
क्या सरितो का पानी निखर गया है
या कारखानों के कचरों से भर गया है
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४. क्या हम आज़ाद है?
आज़ादी के दौरान किये थे बहुत वायदें

भारत में एकता बनी रहेगी
भारत में समता बनी रहेगी
भारत की धरोहर को सजा के रखा जाएगा
भारत में भारतीयता का अहिसास बचा के रखा जाएगा
क्या हमारी विविधिता में एकता नजर आती है ?
बाँट रहे वो रखवाले, कौम क्षेत्रीयता  ही नजर आती है

समता शब्द का तो बहुत अपमान किया है
संसद से लेकर गली गली में समता का हान किया है
किस धरोहर को हम बचा के रख रहे है
उजड़े पेड़, फूल, पोंधे, वन्य जीव, क्या हम बचा के रख रहे है ?
भारतीयता का अहिसास क्या तुम ख़ाक जानते हो
अंग्रेजी बरप्पन में बोली हिंदी को ना पहिचानते हो

ये धन लोलुप कमजोर सत्ता, तरप रही मेरी माँ भारती
'आज़ाद' दे बलिदान ऐसा, हर जगह आज़ादी संवारती 

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